Sarzameen Movie Review
Sarzameen साल 2025 की बहुप्रतीक्षित देशभक्ति पर आधारित हिंदी फिल्म है, जो एक इमोशनल और एक्शन-ड्रामा के रूप में सामने आई है। फिल्म की कहानी भारतीय सेना, आतंकवाद, और एक मां-बेटे के रिश्ते के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म दर्शकों के दिलों को छूने के साथ-साथ उन्हें सोचने पर मजबूर भी करती है।
कहानी की रूपरेखा
Sarzameen की कहानी Colonel Vijay Menon (Prithviraj Sukumaran) के इर्द‑गिर्द घूमती है, जो जम्मू‑कश्मीर में तैनात भारतीय आर्मी अधिकारी हैं। जब उन्हें पता चलता है कि उनका लापता बेटा Harman (Ibrahim Ali Khan) आतंकवादियों से जुड़ गया है, तो परिवार और देश की ज़िम्मेदारी के बीच जटिल मानसिक और भावनात्मक द्वंद्व उभरता है।
Meher (Kajol) इस परिवारीय और नैतिक संघर्ष का केंद्र है—वह मां भी है और पत्नी भी, दोनों भूमिका में फंसी हुई। फिल्म “राष्ट्रहित या परिवार—कौन बड़ा?” ज्वलंत सवाल उठाती है, लेकिन कहानी और पटकथा में कई कमजोरियाँ और अप्रत्याशित तर्क‑विरोध नजर आते हैं।
प्रदर्शन

Prithviraj Sukumaran as Colonel Vijay Menon
उनकी भूमिका में भावनात्मक और नैतिक दुहलाव का संगम देखने को मिलता है। अधिकांश समीक्षकों ने उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की है—वह अपने किरदार की गहराई को मजबूती से निभाते हैं, भले ही लेखन कमजोर हो।
Kajol as Meher Menon
Kajol ने भावुक, पर संयमी माँ और पत्नी की भूमिका को ठीकठाक निभाया है। कुछ समीक्षाओं के अनुसार वो फिल्म की सबसे भरोसेमंद और मजबूत मौजूदगी रही हैं, सफेद भावुकता के बीच स्थिर बनी रही हैं। लेकिन स्क्रीन रसायन बहुत गहराई तक नहीं जाती।
Ibrahim Ali Khan as Harman Menon
यह उनका दूसरा फिल्म प्रोजेक्ट है। कुछ प्रशंसक मानते हैं कि इसमें उन्होंने पिछली फिल्म से बेहतर प्रयास किया है, लेकिन फिल्म की कहानी और निर्देशन ने उन्हें प्रयोग करने का मौका ही नहीं दिया। इनके संवाद‑निग्रहण (delivery) और भाव‑प्रकाशन में सीमितता बनी रही। सोशल मीडिया पर मिलीटेड प्रतिक्रियाओं में, बहुत से दर्शक उनका अभिनय ‘flat’ और ‘wooden’ बता रहे हैं।
तकनीकी पहलू
लोकेशन और सिनेमैटोग्राफी: कश्मीर के दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं—शांत पर्वत, बर्फ़ से ढकी घाटियाँ और ठंडी हवा से घिरी वादियाँ। यह फिल्म की एक मजबूत खूबी है, जो मूड और टोन को बनाती है।
स्क्रीनप्ले और पटकथा: ज्यादातर समीक्षकों ने पटकथा को कमजोर बताया है—प्लॉट पॉइंट्स यथार्थ से खिसकते हैं, और तनाव से भरी घटनाओं में भी विश्वसनीयता नहीं मिलती। अनियमित pacing और पूर्वानुमेय ट्विस्ट भी बोरियत पैदा करते हैं।
म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर: जानी‑मानी संगीतकारों की टीम शामिल थी, लेकिन संगीत कहीं भी यादगार नहीं रहा। emotional peaks को बैकग्राउंड score भी ठीक से संभाल नहीं पाया।
दर्शकों और नेटिज़न्स की प्रतिक्रिया

कुछ दर्शकों ने फिल्म को “एक‑बार देखी जाने वाली” बताया, जहाँ Kajol और Prithviraj के अभिनय ने फिल्म को बचाया लेकिन कहानी ने उसे धराशायी कर दिया। मतदान स्कोर 3/5 और 2.8/5 तक देखे गए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर कुछ users ने Ibrahim Ali Khan के अभिनय की जमकर आलोचना की है, जिसमें कहा गया कि उनका प्रदर्शन “wooden, monotonous और expression‑less” था। कुछ टिप्पणियों में ये भी कहा गया कि फिल्म की कमजोर एडिटिंग और illogical plot twist दर्शकों को चौंका देते हैं।
इब्राहीम अली खान का दमदार प्रदर्शन
फिल्म में इब्राहीम अली खान ने हसन का किरदार निभाया है, जो एक ऐसा युवा है जिसे आतंकवाद के रास्ते पर ढकेल दिया गया है। इस किरदार को निभाने में इब्राहीम ने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को चौंका दिया है। उनकी आंखों में बेचैनी, चेहरे पर दर्द और अंदर का द्वंद्व, सब कुछ बेहद असरदार ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
फिल्म में उनका किरदार दर्शाता है कि कैसे एक भावुक, संवेदनशील युवा एक गलत दिशा में बहक सकता है, और कैसे वो अपने पापा से नफरत और प्यार दोनों के बीच फंसा रहता है।
पृथ्वीराज की सशक्त भूमिका
पृथ्वीराज ने कर्नल विजय मेनन की भूमिका निभाई है — एक ऐसा पिता जो अपने बेटे को आतंक के अंधेरे में देख बेहद दुखी है, लेकिन देशभक्ति के आगे उसे अपनी भावनाएं कुचलनी पड़ती हैं। उनका अभिनय इतना गहरा और सशक्त है कि दर्शक उनकी पीड़ा को महसूस कर सकते हैं।
एक सीन में जब कर्नल मेनन अपने बेटे से आमने-सामने होते हैं, तब पृथ्वीराज के चेहरे पर झलकती उदासी, गर्व, और असहायता दर्शकों की आंखों में आंसू ले आती है।
कुल मिलाकर – क्यों देखें और क्यों छोड़ें?

देखें अगर:
आप Prithviraj Sukumaran या Kajol का फैन हैं। कश्मीर की सुंदर लोकेशन्स और पारिवारिक द्वंद्व‑कथा में रुचि रखते हैं। एक बार OTT पर भावनात्मक और युद्ध‑थ्रिलर फ्यूज़न देखना चाहें।
न देखें अगर:
आप अपेक्षा करते हैं मजबूत पटकथा, tight स्पेसिंग, और coherent तनाव। एक विश्वसनीय कथा और बेहतर अभिनय की उम्मीद रखते हैं। भुला देने वाला प्लॉट और कमजोर स्कोर से निराश होते हैं।
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डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग-आर्टिकल में दी गई जानकारी 25 जुलाई 2025 तक उपलब्ध ताज़ा मीडिया रिपोर्ट्स और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है। फिल्म के रिलीज के बाद रेटिंग, समीक्षा, टेक्निकल विवरण या दर्शक प्रतिक्रिया में बदलाव हो सकता है। कृपया फिल्म देखने से पहले फिल्म की आधिकारिक OTT लिस्टिंग को चेक करें। यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है और किसी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं करता।
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