Ram Mandir Ayodhya: राम नाम के नारे से गूंज उठा पूरा देश , अयोध्या मे हुई भक्तों की भीड़

myakhabar
5 Min Read

Ram Mandir Ayodhya :

अयोध्या भारत की एक धार्मिक और ऐतिहासिक जगह है । भगवान राम की जन्म भूमि के नाम से जानी जाने वाली अयोध्या नगरी लंबे वर्षों से विवादों में रही थी। 2019 में यह विवाद खत्म हुआ और 5 अगस्त 2020 से इस पावन भूमि पर भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ । अगर हम अयोध्या की बात करे तो अयोध्या कौशल प्रदेश की प्राचीन राजधानी थी इसे अवध के नाम से भी जाना जाता है। इस अयोध्या नगरी मे भव्य राम मंदिर का निर्माण किया गया है ।

राम मंदिर उद्घाटन:

अयोध्या मे राम मंदिर का निर्माण अब हो चुका है । ओर जिस दिन का हमारे पूरे देश को इंतजार था आखिर कार वो दिन आ गया । 22 जनवरी 2024 के दिन भव्य राम मंदिर मे रामलला  की प्राण प्रतिष्ठा ओर अभिषेक किया गया । यह कार्यक्रम 12:20 पर हुआ ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर का उद्घाटन किया । मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा से एक सप्ताह पहले से ही पूजा पाठ का कार्यक्रम शुरू हो गया था ओर अयोध्यानगरी को नई दुल्हन की तरह सजाया गया था। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से मंदिर को दर्शन के लिए खोला जाएगा और हर कोई भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेगा । राम मंदिर के उद्घाटन की खुशिया सिर्फ अयोध्या मे ही नहीं बल्कि पूरे देश मे मनाई गई थी । हर जगह दीपावली का महोल बना हुआ था ओर साथ ही राम नाम के नारे गूंज रहे थे ।

Ram Mandir Ayodhyaरामलला  मूर्ति:

रामलला  की मूर्ति मे एक अनोखा ही तेज पाया जा रहा है । श्रीराम पांच साल के बालक के रूप में दर्शन दे रहे हैं । प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया गया है ओर दर्शन के लिए लोगों की भीड़ होने लगी है जो कोई भी रामलला  के दर्शन करने जाता है वो उसकी दिव्यता मे खो जाता है । रामलला  के सिर पर 11 करोड़ रुपये का सोने का मुकुट है । मस्तक पर मणि है । गले में हीरा, सोने और माणिक्य से जड़ी सुनहरी वैजयंती माला है । ओर रामलला  के बायें हाथ में मोती, माणिक्य और पन्ना से जड़ा सोने का धनुष है । दाहिने हाथ में स्वर्ण तीर है ओर साथ भी दिव्य आभूषण ओर वस्त्रों मे रामलला  की मूर्ति मे एक अलग ही तेज दिखाई दे रहा है ।

500 साल के बाद अयोध्या में प्रभु श्री राम को विराजित करने का सपना अब पूरा हुआ है । 5 साल के रामलला  की मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है । लेकिन सभी देशवासियों के मन में एक सावल अवश्य आ रहा होगा कि 5 साल की उम्र वाले मूर्ति को ही क्यों चुना गया है । इसके पीछे का भी एक कारण है । हिंदू धर्म में आमतौर पर 5 साल की उम्र तक को ही बाल्यकाल माना गया है । कई विद्वानों ने इस बात को बताया है कि पांच साल की उम्र तक बच्चे की हर गलती को माफ कर दिया जाता है क्योंकि इस उम्र तक बालक अबोध होता है । ओर भगवान भी अपनी बाललीला इसी उम्र मे दिखाते है ।

अयोध्या दीपोत्सव:

अयोध्या में रामलला  की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है । प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद अयोध्या में दीपावली मनाई गई थी। सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि देश के कोने कोने मे 22 जनवरी को दीपावली मनाई गई थी । दीपोत्सव के कार्यक्रम से पूरी अयोध्यानगरी जगमग हो उठी थी। अयोध्या मे सरीयू नदी के तट पर 1 लाख दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया गया था । घर घर दीप जलाकर भगवान श्री राम का स्वागत किया गया था । क्युकी ऐसा माना जाता है की एक बार फिर श्री राम वनवास काटके अयोध्या वापस आये है ।

Share This Article
Follow:
Welcome to myakhabar – where news meets insight, and information comes to life.
1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *