राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मार दी थी। नाथूराम गोडसे ने दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी को गोली मार दी थी। हमारे देश मे हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप मे मनाया जाता है । ओर बापू की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप मे भी मनाया जाता है । बापू की पुण्यतिथि के दिन उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है और बापू को याद किया जाता है लेकिन यह बेहद जरूरी है कि इस दिन आप बापू को याद करने के साथ ही उनके आदर्श और महान विचारों को भी याद करें और उसे अपने जीवन में अमल में लाएं । आज हम इस आर्टिकल मे बापू के महान विचार ओर उसके जीवन के बारे मे पूरी जानकारी देंगे इसीलिए आर्टिकल को अंत तक पढे ।
30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी शहिद हुए उस समय वो 78 साल के थे। तब से आज तक हर साल हमारे देश मे शहीद दिन को मनाया जाता है । शहीद दिवस पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सभी गणमान्य व्यक्ति भी गांधीजी को श्रद्धांजलि देते हैं ओर उसके बहादुर योगदान को याद करते है ।
गांधीजी कैसे बने राष्ट्रपिता:
गांधीजी कैसे बने राष्ट्रपिता:
महात्मा गांधी ओर सुभाष चंद्र बोस के बीच वैचारिक मतभेद थे, लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा महात्मा गांधी का सन्मान करते है । सबसे पहले सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर पुकारा था। 6 जुलाई 1944 रंगून रेडियो स्टेशन मे अपने भाषण मे सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कहकर बुलाया था । उसके बाद गांधीजी राष्ट्रपिता बने थे । बापू ने हमारे देश को आजाद करने मे अपना योगदान दिया था ओर साथ ही हमे अहिंसा के मार्ग पर चलना भी सिखाया। गांधीजी को राष्ट्रपिता के साथ महात्मा की भी उपाधि दी गई थी ।
महात्मा गांधी के अनमोल विचार:
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके आर्दश और अनमोल विचारों के बारे में, जिससे आपका जीवन प्रेरित होगा। गांधीजी ने अपने विचारों से विश्व के बड़े नैतिक और राजनीतिक नेताओं को भी प्रेरित किया। वे मानते थे कि किसी भी देश की सामाजिक, नैतिक और आर्थिक प्रगति शिक्षा पर ही निर्भर करती है। इसलिए उनका मानना था कि उचित शिक्षा के अभाव में चरित्र निर्माण संभव नहीं है। महात्मा गांधी के विचारों ने दुनिया को नए बदलाव का पाठ पढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दुनियाभर के लोग प्रेरित भी किया।
पहले वो आपको अनदेखा करेंगे
उसके बाद आप पर हंसेंगे
फिर वो आपसे लड़ेंगे
और तब आप जीत जाएंगे !
जो बदलाव तुम दुनिया में देखना चाहते हो,
वह पहले खुद में लेकर आओ ।
सभी धर्म एक ही शिक्षा देते हैं
बस उनके दृष्टिकोण अलग-अलग हैं।
हमें इस तरह जीना चाहिए, जैसे हम कल ही मरने वाले हैं,
हमें इस तरह सीखना चाहिए, जैसे हम सालों तक जीवित रहने वाले हैं।
कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है
क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है!
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