Ankita Bhagat
Ankita Bhagat : पश्चिम बंगाल की अंकिता भगत ने अपनी मेहनत और लगन से एक ऐसी कहानी लिखी है जो प्रेरणा से भरपूर है। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने तीरंदाजी में अपना नाम कमाया और अब वह पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं।
तीरंदाजी में अंकिता की शुरुआत
अंकिता भगत की तीरंदाजी के साथ मुलाकात महज 10 साल की उम्र में हुई जब वह कोलकाता में रहती थीं। उन्होंने कोलकाता के सर्कस मैदान में एक स्थानीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लिया, लेकिन उनके पास न तो सही उपकरण थे और न ही कोई विशेषज्ञता। एक दूध वाले के परिवार से आने के कारण आर्थिक तंगी उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी।
फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी
उन्होंने हार नहीं मानी और स्थानीय क्लब में उधार के उपकरण लेकर अभ्यास शुरू किया। उनकी लगन देखकर साल 2014 में उन्हें टाटा तीरंदाजी अकादमी में जगह मिली। जमशेदपुर में कोच धर्मेंद्र तिवारी, पूर्णिमा महतो और राम अवधेश के मार्गदर्शन में उन्होंने अपनी काबिलियत को निखारा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाती अंकिता
साल 2015 में महज 18 साल की उम्र में अंकिता ने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए अमेरिका के यांकटन में विश्व तीरंदाजी युवा चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2015 में सियोल इंटरनेशनल यूथ आर्चरी फेस्टा में उन्होंने रजत और कांस्य पदक जीते। साथ ही 2017 में एशिया कप और भारतीय सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में फाइनल में जगह बनाई।
कई उपलब्धियां हासिल कीं
इसके बाद से अंकिता ने कई टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और ज्यादातर में उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। साल 2022 में जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए खेलो इंडिया महिला नेशनल रैंकिंग तीरंदाजी टूर्नामेंट में उन्होंने पहला गोल्ड मेडल जीता।
ओलंपिक वेबसाइट के अनुसार
ओलंपिक वेबसाइट के अनुसार, भगत 2017 यू-21 विश्व चैंपियनशिप में मिश्रित टीम (जेम्सन सिंह निंगथौजाम के साथ) में स्वर्ण पदक विजेता हैं। वह हांग्जो 2022 एशियाई खेलों में टीम रिकर्व कांस्य पदक विजेता (भजन कौर और सिमरनजीत कौर के साथ) हैं और तीन बार की एशियाई चैंपियनशिप टीम पदक विजेता हैं – 2021 में रजत, 2019 और 2023 में कांस्य।
पेरिस ओलंपिक में धूम मचाने को तैयार
साल 2024 के फाइनल वर्ल्ड आर्चरी ओलंपिक क्वालीफायर में शीर्ष आठ में रहने के बाद, अंकिता ने भारतीय ओलंपिक टीम के लिए अपना स्थान सुरक्षित कर लिया और वह पेरिस ओलंपिक खेलों 2024 में अपनी शुरुआत करेंगी। वह 25 जुलाई को ओलंपिक के तीरंदाजी महिला व्यक्तिगत स्पर्धा में भाग लेंगी।
अंकिता भगत की यह यात्रा न सिर्फ उनके लिए बल्कि देश के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। उनके हौसले और लगन से साबित होता है कि संघर्षों को पार करके भी सफलता हासिल की जा सकती है। अंकिता भगत की कहानी एक दूध वाले की बेटी से ओलंपिक तक की यात्रा की कहानी है। यह कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
अंकिता भगत की उपलब्धियां
2017 यू-21 विश्व चैंपियनशिप में मिश्रित टीम (जेम्सन सिंह निंगथौजाम के साथ) में स्वर्ण पदक विजेता
हांग्जो 2022 एशियाई खेलों में टीम रिकर्व कांस्य पदक विजेता (भजन कौर और सिमरनजीत कौर के साथ)
तीन बार की एशियाई चैंपियनशिप टीम पदक विजेता – 2021 में रजत, 2019 और 2023 में कांस्य
2022 में जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुए खेलो इंडिया महिला नेशनल रैंकिंग तीरंदाजी टूर्नामेंट में पहला गोल्ड मेडल जीता
निष्कर्ष
अंकिता भगत की कहानी एक प्रेरणादायक कहानी है जो हमें सिखाती है कि संघर्षों को पार करके भी सफलता हासिल की जा सकती है। उनकी उपलब्धियां और उनकी यात्रा हमें प्रेरित करती है कि हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और कभी हार न मानें।
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